मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन की जानकारी | Master Of Business Administration MBA Information In Hindi
Master Of Business Administration (MBA) Information In Hindi वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा का युग हैं. हर कोई सफल होने की होड़ में शामिल हैं. सफल तो हर कोई होना चाहता हैं, परन्तु प्रश्न यह हैं कि सफल हुआ कैसे जाये.
सफल होने के विभिन्न तरीकों और क्षेत्रों में से एक क्षेत्र ‘शिक्षा’ के बारे में हम बात कर रहे हैं. वैसे तो किसी भी बच्चे को पढ़ना ज्यादा पसंद नहीं होता. ये तो खैर हुई मजाक की बात, परन्तु आजीविका चलाने और जीवन में किसी मुक़ाम तक पहुँचने के लिए पढ़ना बहुत जरुरी हैं. पढाई का महत्व पर निबंध यहाँ पढ़ें.
अपनी विद्यालयीन शिक्षा को पूर्ण करके जब कोई विद्यार्थी महा-विद्यालयीन स्तर पर पहुँचता हैं तो उसके सामने कई विकल्प खुले होते हैं, जिन्हें वह करियर के रूप में चुन सकता हैं. ऐसा ही एक विकल्प हैं –MBA.
मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (एम बी ए) की जानकारी
Master Of Business
Administration (MBA) Information In Hindi
एम बी ए का फुल फॉर्म (MBA Full Form)– मास्टर इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
[Master in Business Administration]. यह डिग्री अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता रखती हैं. यह एक बहुमुखी [versatile] प्रतिभा रखने वाला क्षेत्र हैं और विभिन्न देशों में उपयोगिता रखता हैं. बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन इंडस्ट्री में MBA होल्डर्स की बहुत डिमांड हैं. वैसे MBA के विद्यार्थियों के लिए एक बात जानने योग्य यह हैं कि वे जितने अच्छे कॉलेज से यह कोर्स करेंगे, उनकी जॉब उतने ही अच्छे मैनेजमेंट लेवल पर लगेगी अर्थात उतनी ही अच्छी कंपनी में और उसी के अनुरूप उनके पैकेज भी कम या ज्यादा होते हैं. यह 2 साल का कोर्स हैं और मल्टी नेशनल कंपनियों के दिनों – दिन बढ़ने के कारण इसकी डिमांड भी बढ़ती जा रही हैं. यदि हम ये भी कहें कि MBA होल्डर्स की डिमांड कभी कम नहीं होगी या इनका स्तर नहीं गिरेगा तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी.
एम बी ए कोर्स करने के लिए योग्यता [MBA Course Eligibility] -:
MBA कोर्स में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थी को अपने बैचलर डिग्री पूरी करनी पड़ती हैं, जिसमें उन्हें कम – से – कम 50% अंक लाने होते हैं, परन्तु यदि कोई विद्यार्थी SC/ST का हैं तो उसके लिए न्यूनतम अंक सीमा 45% हैं. इस कोर्स की सबसे अच्छी बात यह हैं कि इसके कोई आयु सीमा नहीं हैं. आप कभी भी, किसी भी आयु में MBA जॉइन कर सकते हैं.
एम बी ए की प्रवेश परीक्षाएँ [MBA Course details of Entrance
Examinations] -:
MBA में प्रवेश पाने के लिए 2 तरीकें हो सकते हैं -:
·
आप डायरेक्टली किसी कॉलेज में प्रवेश लें [यहाँ ध्यान देने वाली बात यह हैं कि ये कॉलेज प्राइवेट होंगे.]
·
MBA के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएँ होती हैं, इनमें से किसी भी परीक्षा को उत्तीर्ण करके आप काउंसलिंग द्वारा कॉलेज में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं.
बिज़नेस स्कूल में प्रवेश पाने के लिए कैंडिडेट्स को इनके द्वारा आयोजित परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होता हैं. इन प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में निम्नानुसार जानकारी दी जारही हैं -:
क्रमांक
[Serial No.]
|
प्रवेश परीक्षा
का नाम
[MBA Entrance Exam Name] |
परीक्षा की
तिथी
[Exam Date] |
आवेदन की
प्रारंभिक तिथी
[Application Begins] |
आवेदन की
अंतिम तिथी
[Application Ends] |
परिणाम
[Results] |
1.
|
CAT [Common Admission Test]
|
नवंबर
|
अगस्त
|
सितम्बर
|
दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में [Tentative]
|
2.
|
XAT [Xavier Aptitude Test]
|
जनवरी
|
अगस्त के अंतिम सप्ताह में
|
नवंबर
|
जनवरी के अंतिम सप्ताह में [Tentative]
|
3.
|
CMAT [Common Management
Admission Test]
|
जनवरी के प्रथम सप्ताह में
|
दिसम्बर
|
दिसम्बर [Tentative]
|
जनवरी
|
4.
|
SNAP [Symbiosis National
Aptitude Test]
|
दिसम्बर
|
अगस्त
|
नवंबर
|
जनवरी
|
5.
|
NMAT [NarseeMonjee Admission
Test] by GMAC
|
अक्टूबर – दिसम्बर
|
जुलाई
|
अक्टूबर
|
जनवरी
|
6.
|
IIFT [Indian Institute of
Foreign Trade]
|
नवंबर
|
जुलाई
|
सितम्बर
|
दिसम्बर [Tentative]
|
7.
|
ATMA [AIMS Test For
Management Admissions]
|
दिसम्बर [Tentative]
|
अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में
|
दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में [Tentative]
|
दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में [Tentative]
|
8.
|
IBSAT [ICFAI Business Studies
Aptitude Test]
|
दिसम्बर
|
अगस्त
|
दिसम्बर
|
जनवरी
|
9.
|
MICAT [Mudra Institute of
Communications Ahmedabad Admission Test]
|
दिसम्बर
|
सितम्बर
|
दिसम्बर
|
दिसम्बर
|
10.
|
MAH-CET [Maharashtra Common
Entrance Test]
|
मार्च [Tentative]
|
फरवरी [Tentative]
|
फरवरी [Tentative]
|
मई [Tentative]
|
11.
|
IRMA
|
जनवरी [Tentative]
|
सितम्बर [Tentative]
|
दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में
|
फरवरी [Tentative]
|
12.
|
KMAT [Karnataka Management
Aptitude Test]
|
अगस्त [Tentative]
|
जून [Tentative]
|
जुलाई [Tentative]
|
अगस्त [Tentative]
|
13.
|
TANCET [Tamil Nadu Common
Entrance Test]
|
मई [Tentative]
|
अप्रैल [Tentative]
|
अप्रैल [Tentative]
|
जून [Tentative]
|
कुछ अन्य राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाएँ [Some more State Level MBA Entrance
Exam] -:
·
इसमें उपरोक्त वर्णित KMAT, TANCET परीक्षाएँ भी शामिल हैं,
·
ICET -: Integrated Common
Entrance Test,
·
JEMAT -: Joint Entrance
Management Aptitude Test,
·
KIITEE -: KIITEE Management
Exam,
·
MP MET -: Madhya Pradesh
Management Entrance Test,
·
GCET -: Gujrat Common Entrance
Test,
·
RMAT -: Rajasthan Technical
Management Test,
·
HPCMAT -: Himachal Pradesh
Combined Management Aptitude Test,
·
PGCET -: Post Graduate Common
Entrance Test,
·
VMAT -: Vigyan’s
Management Aptitude Test, etc.
MBA की प्रवेश परीक्षाओं का शुल्क [MBA course Fees details of Entrance
Exams]-:
उपरोक्त प्रवेश परीक्षाओं का शुल्क सामान्यतः उनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर देखा जा सकता हैं, परन्तु कुछ प्रवेश परीक्षाओं का शुल्क नीचे दिया जा रहा हैं, जैसे -:
·
AIMA-MAT की फीस 1200/- हैं,
·
CAT की फीस 1600/- हैं,
·
CMAT की फीस 1400/- हो सकती हैं, आदि.
MBA कोर्स का पाठ्यक्रम और शुल्क [MBA course Syllabus & Fee
structure] -:
MBA कोर्स की फीस विभिन्न शिक्षण संस्थानो के अनुसार भिन्न – भिन्न होती हैं और इनकी फीस निर्धारित करने में अलग – अलग विषय भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कैंडिडेट इन शिक्षण संस्थानों की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. आपकी सहायता के लिए टॉप 10 संस्थानों की सूचि नीचे दी जा रही हैं.
टॉप 10 MBA शिक्षण संस्थानों की सूचि [Top 10 Institutions or B-schools in
India offering MBA Course] -:
क्रमांक [S. No.]
|
MBA शिक्षण संस्थान का
नाम [Name of MBA Institute]
|
स्थान [Location]
|
संस्थान की
वेबसाइट[Institute Website]
|
1.
|
इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ मैनेजमेंट
|
बैंगलोर
|
www.iimb.ernet.in
|
2.
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इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ मैनेजमेंट
|
अहमदाबाद
|
www.iimahd.ernet
|
3.
|
XLRI – जेवियर्स स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट
|
–
|
www.xlri.ac.in
|
4.
|
इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ मैनेजमेंट
|
कलकत्ता
|
www.iimcal.ac.in
|
5.
|
FMS – फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज
|
दिल्ली
|
www.fms.edu
|
6.
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मैनेजमेंट डेवलपमेंट स्कूल
|
Gorgon
|
www.mdi.ac.in
|
7.
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इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ मैनेजमेंट
|
लखनऊ
|
www.iiml.ac.in
|
8.
|
S.P. जैन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च
|
मुंबई
|
www.spjimr.org
|
9.
|
इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ मैनेजमेंट
|
इंदौर
|
www.iimidr.ac.in
|
10.
|
इंडियन इंस्टिट्यूट
ऑफ़ फॉरेन ट्रेड – IIFT
|
–
|
www.iift.edu.in
|
MBA करने के बाद नौकरी की संभावनाएं [MBA course JOB OPPURTUNITIES] -:
किसी भी कोर्स को जॉइन करने से पहले हम यही देखते हैं कि वह जॉइन करके, उसे पूरा कर लेने पर हमे कोई नौकरी मिलेगी या नहीं और अगर मिलेगी तो उसका पैकेज क्या होगा. चूँकि MBA कोर्स की पढ़ाई में खर्च थोड़ा ज्यादा होता हैं, तो नौकरी के पैकेज भी उसके अनुसार ही होते हैं. इस कोर्स के लिए जो कॉलेज ज्यादा फीस लेता हैं तो फिर वहाँ उतनी ही बड़ी कंपनियां भी अपने पैकेज लेकर आती हैं, बल्कि अगर हम ये कहें कि फीस ज्यादा ही इसलिए होती हैं क्योंकि वहाँ बड़ी कंपनियां अपने कैंपस लेकर आती हैं. सबसे अच्छी बात यह हैं कि इस कोर्स को करने के बाद कैंडिडेट बहुत सी फ़ील्ड्स में काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं और उन्हें पैकेज भी उनकी योग्यतानुसार और अनुभव के आधार पर दिए जाते हैं. इस कोर्स को करने के बाद जिन प्रोफाइल पर जॉब की जा सकती हैं, उनमे से कुछ निम्न लिखित हैं -:
·
मार्केट रिसर्च एनालिस्ट,
·
मार्केटिंग मेनेजर,
·
एडवरटाइजिंग मेनेजर,
·
ह्युमन रिसर्च मेनेजर,
·
मैनेजमेंट कंसलटेंट,
·
बैंकिंग एंड फाइनेंस,
·
इन्फोर्मशन सिस्टम मैनेजमेंट, आदि.
विभिन्न MBA प्रोग्राम्स [Different MBA Programs] -:
MBA विभिन्न प्रकार के होते हैं. कैंडिडेट्स अपनी आवश्यकता, रूचि और समय की उपलब्धता के आधार पर मनवांछित कोर्स का चयन करते हैं और फिर उसी के अनुसार उनकी नौकरी लगती हैं और पैकेज भी निर्धारित होता हैं. इन विभिन्न MBA प्रोग्राम्स के नाम निम्नानुसार हैं-:
·
2 ईयर फुल टाइम प्रोग्राम [Two – Year Full Time MBA
Program],
·
पार्ट टाइम MBA [Part Time MBA],
·
इवनिंग [सेकंड शिफ्ट] MBA प्रोग्राम्स [Evening (Second Shift) MBA Programs],
·
मोड्युलर MBA प्रोग्राम [Modular MBA Program],
·
एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम [Executive MBA Program / EMBA
Program],
·
फुल टाइम एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम [Full – time Executive MBA Program],
·
डिस्टेंस लर्निंग MBA प्रोग्राम [Distance Learning MBA Program],
·
ब्लेंडेड लर्निंग प्रोग्राम [Blended Learning Program],
·
MBA ड्यूल डिग्री प्रोग्राम [MBA Dual Degree Program],
·
मिनी MBA प्रोग्राम [Mini MBA Program]
उपरोक्त प्रोग्राम्स में से आपको किस प्रकार का प्रोग्राम जॉइन करना चाहिए, इस समस्या में मदद करने के लिए हम आपको इनका संक्षिप्त वर्णन निम्नानुसार उपलब्ध करा रहे हैं -:
·
2 ईयर फुल टाइम प्रोग्राम [Two – Year Full Time MBA Program] -:
1.
इसमें 2 अकादमिक वर्ष लगते हैं [लगभग 18 महीने],
2.
इसमें रेगुलर क्लासेज लगती हैं,
3.
एक सेमेस्टर के बाद कुछ दिनों की छुट्टियों के बाद फिर से क्लासेज शुरू हो जाती हैं.
·
पार्ट टाइम MBA [Part Time MBA] -:
1.
इसमें क्लासेज Weekday evenings को नॉर्मल working hours के बाद अथवा सप्ताह के अंतिम दिनों [weekends] में क्लासेस लगती हैं,
2.
पार्ट टाइम प्रोग्राम्स लगभग 3 सालों का होता हैं,
3.
यह प्रोग्राम वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए अच्छा हैं, जो पढ़ाई को ज्यादा समय नहीं दे सकते.
·
इवनिंग [सेकंड शिफ्ट] MBA प्रोग्राम्स [ Evening (Second Shift) MBA Programs] -:
1.
इस प्रोग्राम में भी उपरोक्त पार्ट टाइम MBA की तरह ही सब कुछ कंडीशन रखता हैं,
2.
यह प्रोग्राम भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा चलाया जाता हैं,
3.
इस कोर्स की अवधि 2 साल हैं.
·
मोड्युलर MBA प्रोग्राम [Modular MBA Program] -:
1.
यह भी पार्ट टाइम प्रोग्राम्स की तरह हैं,
2.
इस प्रोग्राम में एक से तीन हफ्ते तक के क्लासेस का पैकेज बनाकर पढाया जाता है.
·
एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम [Executive MBA Program / EMBA
Program] -:
1.
यह प्रोग्राम पहले से कार्यरत मेनेजर और एग्जीक्यूटिव की शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा करने में सहायक होता हैं.
2.
एडवांस एग्जीक्यूटिव एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए एग्जीक्यूटिव MBA काउंसिल की स्थापना सन 1981 में की गयी थी, जिसके तहत यह एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम चलाया जाता हैं.
3.
यह प्रोग्राम पूर्णकालिक तौर पर काम [Fulltime working] करते हुए भी 2 साल अथवा इससे भी कम समय में पूरा किया जा सकता हैं.
4.
इस प्रोगाम को करने वाले विद्यार्थियों में सभी तरह के संस्थानों [ओर्गनाइज़ेशन] के कर्मचारी [employees] शामिल हो सकते हैं, चाहे फिर वो संस्थान शासकीय [गवर्नमेंट] हो, प्रॉफिट मेकिंग ओर्गनाइज़ेशन हो अथवा नॉन – प्रॉफिट मेकिंग ओर्गनाइज़ेशन हो अथवा किसी और प्रकार का संस्थान हो.
5.
यह प्रोग्राम छोटे अथवा बड़े सभी तरह के संस्थानों के कर्मचारी करते हैं.
6.
इस प्रोग्राम के विद्यार्थियों के पास फ्रेशर MBA स्टूडेंट्स की तुलना में 10 साल अथवा ज्यादा समय का कार्य का अनुभव होता हैं.
·
फुल टाइम एग्जीक्यूटिव MBA प्रोग्राम [ Full – time Executive MBA
Program] -:
1.
यह MBA प्रोग्राम्स की एक नई केटेगरी हैं, जिसमें फुल टाइम 1 ईयर MBA प्रोग्राम को लॉन्च किया गया हैं.
2.
यह प्रोग्राम उन प्रोफेशनल्स के लिए हैं, जिन्हें 5 साल या इससे ज्यादा का अनुभव हैं.
3.
यह प्रोग्राम Insead और IMD जैसे बिज़नेस स्कूल द्वारा कराया जाता हैं.
·
डिस्टेंस लर्निंग MBA प्रोग्राम [Distance Learning MBA Program] -:
1.
यह कई तरह का होता हैं, जैसे -:
1.
कॉरेस्पोंडेंस कोर्स बाय पोस्टल मेल या ईमेल,
2.
नॉन – इंटरेक्टिव ब्रॉडकास्ट वीडियो,
3.
प्री – रिकार्डेड वीडियो,
4.
लाइव टेली कांफ्रेंस ओर वीडियो कांफ्रेंस,
5.
ऑफलाइन या ऑनलाइन कंप्यूटर कोर्स.
2.
यह कोर्स विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा कराया जाता हैं,
3.
इसकी फीस भी कम होती हैं.
·
ब्लेंडेड लर्निंग प्रोग्राम [Blended Learning Program] -:
1.
यह कंबाइन डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम हैं, जिसमें आमने – सामने [फेस-टू–फेस इंस्ट्रक्शन] निर्देशों के साथ पढ़ाया जाता हैं.
2.
यह प्रोग्राम उन प्रोफेशनल्स के लिए उपयोगी हैं, जो ट्रेडिशनल पार्ट टाइम प्रोग्राम्स को अटेंड नहीं कर सकते.
·
MBA ड्यूल डिग्री प्रोग्राम [MBA Dual Degree Program] -:
1.
इस प्रोग्राम में आप MBA के साथ – साथ कोई अन्य कोर्स भी कर सकते हैं.
2.
इस प्रोग्राम के अंतर्गत आपको MBA के साथ – साथ एक और डिग्री भी मिलती हैं,जैसे-: MS, MA अथवा JD, आदि.
3.
दो कोर्स एक साथ होने से इन्हें अलग – अलग करने की cost भी कम लगती हैं.
4.
कम समय में दो डिग्री मिलने का फायदा अपने प्रोफेशन में भी मिलता हैं.
·
मिनी MBA प्रोग्राम [Mini MBA Program] -:
1.
इस प्रोग्राम में फंडामेंटल्स ऑफ़ बिज़नेस के बारे में जानकारी दी जाती हैं.
2.
पहले यह एक नॉन – क्रेडिट बेअरिंग कोर्स था, जिसे पूरा करने में 100 घंटों से भी कम का समय लगता था.
3.
बाद में इसकी आलोचना [criticisms] के कारण इसे फुल क्रेडिट प्रोग्राम में बदला गया, जिसके तहत इसे अब फुल टाइम ट्रेडिशनल MBA प्रोग्राम में बदला गया, जिससे नौकरी मिल सकें.
MBA में स्पेशलाइजेशन के प्रमुख 10 विकल्प [Top 10 MBA Specialization Options] -:
चूँकि MBA एक मास्टर डिग्री हैं और यह सामान्यतः 2 साल का कोर्स होता हैं, जिसमें कैंडिडेट को मैनेजमेंट के सभी विषयों का ज्ञान दिया जाता हैं और जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट हैं कि इसका कैंडिडेट अपने चुने हुए क्षेत्र में मास्टर होता हैं अर्थात उसमे महारत रखता हैं. इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्पेशलाइजेशन इसकी खासियत हैं. आप किस विषय में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं, यह आपकी इच्छा और इंटरेस्ट पर निर्भर करता हैं.
MBA 1st Year में पहले सेमिस्टर में कैंडिडेट को मैनेजमेंट के सभी विषयों का संक्षिप्त ज्ञान कराया जाता हैं. इसके बाद इसी वर्ष के दूसरे सेमिस्टर में कैंडिडेट को स्पेशलाइजेशन करने के लिए उपलब्ध विषयों का ज्ञान कराया जाता हैं, ताकि उसे दूसरे वर्ष में कौनसा विषय लेना हैं, इस निर्णय को लेने में आसानी हो सके.
MBA 2nd Year में कैंडिडेट स्वयं द्वारा चुने गये स्पेशलाइजेशन के विषय में गहन अध्ययन करके उसमें मास्टर डिग्री प्राप्त करता हैं.
नीचे आपको MBA में स्पेशलाइजेशन करने के लिए टॉप 10 विकल्पों की जानकारी दी जा रही हैं, जिससे आपको अपने करियर के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलेगी -:
·
MBA इन फाइनेंस [MBA in Finance],
·
MBA इन मार्केटिंग [MBA in Marketing],
·
MBA इन ह्युमन रिसोर्स [MBA in Human Resource / HR],
·
MBA इन इंटरनेशनल बिज़नेस [MBA in International Business
/ IB],
·
MBA इन ऑपरेशन मैनेजमेंट [MBA in Operation Management],
·
MBA इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी [MBA in Information
Technology],
·
MBA इन सप्लाई – चैन मैनेजमेंट [MBA in Supply – Chain
Management],
·
MBA इन रूरल मैनेजमेंट [MBA in Rural Management],
·
MBA इन एग्री बिज़नेस मैनेजमेंट [MBA in Agri Business
Management],
·
MBA इन हेल्थ केयर मैनेजमेंट [MBA in Health Care
Management]
·
MBA इन फाइनेंस [MBA in Finance] -:
यह सबसे ज्यादा चुना जाने वाला विकल्प हैं. इस विकल्प को चुनकर आप विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाते हैं क्योंकि इस विकल्प के अंतर्गत आपको कॉस्टिंग, बजटिंग, इंटरनेशनल फाइनेंस और कैपिटल मैनेजमेंट, आदि विषय पढ़ाये जाते हैं. इन विषयों को पढ़कर आप फाइनेंशियल मैनेजमेंट के विभिन्न क्षेत्रों में एक्सपर्ट हो जाते हैं. जिससे आप किसी भी संस्थान के फाइनेंस डिपार्टमेंट में काम कर सकते हैं. अगर आप MBA इन फाइनेंस स्ट्रीम को चुनते हैं तो आपका ग्रेजुएट होना जरुरी हैं और इसमें ग्रेजुएट आप किसी भी स्ट्रीम से हो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
MBA इन फाइनेंस के स्टूडेंट को एक महत्वपूर्ण फायदा यह हैं कि वे इसके द्वारा बैंकिंग क्षेत्र में भी जा सकते हैं क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में हमेशा फाइनेंस एक्सपर्ट की आवश्यकता होती हैं.
केवल बैंकिग सेक्टर ही नहीं, बल्कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री, म्यूच्यूअल फण्ड [Mutual fund] इंडस्ट्री, स्टॉक एक्सचेंज और फाइनेंशियल कंसल्टिंग में भी MBA इन फाइनेंस के स्टूडेंट की डिमांड होती हैं.
·
MBA इन मार्केटिंग [MBA in Marketing] -:
MBA इन मार्केटिंग इसके उम्मीदवार [aspirants] को एक डायनामिक और प्रतिस्पर्धी करियर देता हैं. इस क्षेत्र के स्टूडेंट को ग्राहक व्यवहार [कंस्यूमर बिहेवियर], मार्केट बिहेवियर, विज्ञापन के विभिन्न पहलु [aspects] और अलग – अलग तरह से प्रोडक्ट या सर्विस को प्रभावित करने वाले मार्केट के अवयवों को जानने और समझने का मौका मिलता हैं. इस क्षेत्र में सफल होने के लिए कैंडिडेट में एक्सीलेंट कम्युनिकेशन स्किल, रिसोर्स मोबिलाइजेशन स्किल, आदि होना चाहिए. इस विकल्प में प्रवेश के लिए भी किसी भी फील्ड से ग्रेजुएशन किया होना आवश्यक हैं.
·
MBA इन ह्युमन रिसोर्स [MBA in Human Resource / HR] -:
अगर आपके अंदर नेतृत्व का गुण [लीडरशिप क्वालिटी] हैं और आप लोगों में सामंजस्य बैठाने में एक्सपर्ट हैं, तो आपके लिए MBA इन ह्युमन रिसोर्स एक बहुत अच्छा करियर आप्शन सिद्ध हो सकता हैं. HR फंक्शन में डाइवर्सिटी मैनेजमेंट, मर्जर [merger], एक्वीजीशन [acquisition], मार्केट में लेबर की डिमांड और सप्लाई को मैनेज करना, आदि शामिल हैं. इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आपके अंदर अच्छी कम्युनिकेशन स्किल, विश्वसनीयता और आत्मविश्वास जैसे गुणों की आवश्यकता होती हैं. अगर आप कर्मचारियों के मनोविज्ञान या मानसिकता, गुणों और कमियों को पहचान कर उनसे काम कराना जानते हैं अथवा ऐसा कर अपने की क्षमता रखते हैं तो आपको इस क्षेत्र में एंटर [enter] होना चाहिए. इसके लिए अपने किसी भी फील्ड से ग्रेजुएशन पूरा करना जरुरी होता हैं.
MBA इन ह्युमन रिसोर्स को मिड मैनेजमेंट लेवल पर अच्छी शुरुआत मिल सकती हैं और आपका HR मैनेजमेंट जितना ज्यादा अच्छा होगा, आपके संस्थान और आपकी सफलता उतनी ही अच्छी होगी. इसके पीछे कारण यह हैं कि आप संस्थान की सबसे कीमती संपत्ति “उसके कर्मचारियों” के साथ व्यवहार करते हैं और बिना कर्मचारियों के संस्थान केवल ईंट – सीमेंट से बनी एक बिल्डिंग मात्र हैं.
·
MBA इन इंटरनेशनल बिज़नेस [MBA in International Business / IB] -:
वर्तमान के इस ग्लोबलाइजेशन के युग में जिस तरह से बिज़नेस बढ़ता जा रहा हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक फैलता जा रहा हैं तो इसका मैनेजमेंट देखने के लिए भी एक्सपर्ट की आवश्यकता ने इस क्षेत्र में करियर को बढ़ावा दिया हैं. इसके अंतर्गत इंटरनेशनल मार्केटिंग और फाइनेंस जैसे कार्य शामिल होते हैं. दिनों–दिन बढती मल्टी नेशनल कंपनियों के कारण इस फील्ड में रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ी हैं. इस फील्ड में प्रवेश के बाद कैंडिडेट को देश – विदेश के बिज़नेस को सँभालने के लिए विभिन्न देशों की यात्राएं करने का भी मौका मिलता हैं.
·
MBA इन ऑपरेशन मैनेजमेंट [MBA in Operation Management] -:
MBA की इस ब्रांच के अंतर्गत आपको प्रोडक्शन मैनेजमेंट और शॉप फ्लोर मैनेजमेंट जैसे कार्यों को करने की जिम्मेदारी दी जाती हैं. इसके अंतर्गत आपको ये सीखने को मिलता हैं कि प्रोसेस फ्लो को किस प्रकार मेन्टेन किया जाये, संगठन के विभिन्न विभागों के साथ संबंध और क्रेता – विक्रेता के संबंधों को किस प्रकार मैनेज करना हैं और उन्हें किस प्रकार और भी अधिक प्रगाढ़ बनाना हैं, आदि.
वैसे तो किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट कैंडिडेट इस प्रोग्राम को जॉइन कर सकता हैं, परन्तु सामान्यतः इस प्रोग्राम में इंजीनियरिंग के विद्यार्थी ज्यादा आते हैं क्योंकि इसमें वे प्रोडक्शन मैनेजमेंट जैसे कार्यों के साथ प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजाइनिंग, प्रोसेस ओप्टीमाइज़ेशन जैसे इंजीनियरिंग कार्यों के द्वारा अधिक सफलता प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं.
·
MBA इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी [MBA in Information Technology] -:
इनफार्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को प्लान, डिजाईन, सिलेक्ट, इम्प्लीमेंट और एडमिनिस्टर करने वाले मेनेजर को और भी अधिक प्रभावशाली ढंग से ये सब मैनेज करने के लिए MBA इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी प्रोग्राम में प्रवेश लेना चाहिए. सामान्यतः इनकी डिमांड सॉफ्टवेर और हार्डवेयर के क्षेत्रों में अधिक होती हैं.
इस प्रोग्राम में प्रवेश लेने के लिए कैंडिडेट का किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना आवश्यक हैं. इस कोर्स में प्रवेश लेने के बाद आपको संस्थान की वास्तविक कठिनाइयों से परिचित कराया जाता हैं और विभिन्न केस स्टडी और ट्रेनिंग्स के द्वारा आपको इसका सामना करने और इन्हें सोल्व करने के लिए तैयार किया जाता हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था में IT कंपनियों का महत्वपूर्ण भाग हैं और इसी कारण इस क्षेत्र में अच्छी रोजगार संभावनाएं हैं.
·
MBA इन सप्लाई – चैन मैनेजमेंट [MBA in Supply – Chain Management] -:
बिज़नेस मैनेजमेंट के क्षेत्र में सप्लाई चैन मैनेजमेंट एक अलग और एक्साइटिंग फील्ड हैं. इसके अंतर्गत इन्वेंटरी मैनेजमेंट, क्लाइंट आयर कंपनी द्वारा डिमांड किये गये मटेरियल की वेयरहाउसिंग, ट्रांसपोर्टेशन, आदि शामिल हैं. यह प्रोग्राम भी किसी भी फील्ड से ग्रेजुएट होने के बाद जॉइन किया जा सकता हैं.
·
MBA इन रूरल मैनेजमेंट [MBA in Rural Management] -:
MBA इन रूरल मैनेजमेंट प्रोग्राम भी अपने आप में अनोखा प्रोग्राम हैं, जिसके अंतर्गत कैंडिडेट भारतीय अर्थव्यवस्था के रूरल मार्केट [ग्रामीण बाजार] के क्षेत्र को बढाता हैं. किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट व्यक्ति इस कोर्स को जॉइन कर सकता हैं.
इस प्रोग्राम को पूरा करने के बाद आप निम्नलिखित प्रोफाइल्स पर काम कर सकते हैं -:
·
जॉब विथ गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया रूरल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट,
·
एसोसिएशन विथ नॉन – गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन,
·
रिसर्च इंस्टिट्यूट कंडक्टिंग एक्सटेनसिव रिसर्च on रूरल एरिया,
·
अ चांस तो जॉइन हैण्ड विथ यूनाइटेड नेशन एंड इट्स सब्सिडियरी सोशल रिसर्च एजेंसी, आदि.
इन प्रोजेक्ट पर काम करने वाले एम्प्लोयी के पैकेज भी काफी अच्छे होते हैं, जो करीब 8.70 लाख पर ईयर रहते हैं. इस क्षेत्र में काम करने पर बहुत स्कोप हैं. कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी
[CSR] के कम्पल्सरी हो जाने के कारण आपको इसमें बहुत बड़े संस्थानों, जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हैं, उनके साथ काम करने का मौका भी मिलता हैं.
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MBA इन एग्री बिज़नेस मैनेजमेंट [MBA in Agri Business Management] -:
किसी भी स्ट्रीम से अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद इस प्रोग्राम में प्रवेश पाया जा सकता हैं. हमारे देश भारत के कृषि प्रधान देश होने के कारण इस क्षेत्र में भी आप सक्सेस पा सकते हैं. इस कोर्स के अंतर्गत आपको एग्रीकल्चरल प्रोडक्ट में प्रोसेस, मार्केटिंग और मर्केंडाइस करने वाली कंपनियों के साथ काम कैसे करना हैं, इसका अध्ययन कराया जाता हैं.
इस प्रोग्राम में आपको एग्रीकल्चर से संबंधित निम्न विषयों के बारे में पढ़ाया जाता हैं और आप आगे चलकर इन क्षेत्रों में काम भी कर सकते हैं -:
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एग्री इनपुट इंडस्ट्री,
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हॉर्टिकल्चर इंडस्ट्री,
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फ़ूड इंडस्ट्री,
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फार्म इंजीनियरिंग,
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लाइवस्टॉक इंडस्ट्री
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MBA इन हेल्थ केयर मैनेजमेंट [MBA in Health Care Management] -:
MBA इन हेल्थ केयर मैनेजमेंटप्रोग्राम के अंतर्गत आपको विशेष तौर पर हॉस्पिटल और इसके एडमिनिस्ट्रेशन के संबंध में आने वाले इश्यूज पर अपना ध्यान केन्द्रित करना होता हैं. इस कोर्स को करके आप हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल प्रैक्टिस मेनेजर, इन्श्योरेंस कंपनी एग्जीक्यूटिव, आदि भूमिकाओं को अदा करने में सक्षम हो जाते हैं. इस कोर्स को करने के बाद आप हॉस्पिटल के सुपरवाइजरी फंक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं. परन्तु इस क्षेत्र में स्वयं को एक्सप्लोर करने की कम संभावनाएं होती हैं. इस प्रोग्राम को जॉइन करने के लिए आपका ग्रेजुएट होना जरुरी हैं.
उपरोक्त सभी विकल्पों में से फ़िलहाल मार्केट में किस क्षेत्र में अधिक डिमांड हैं, इसका ध्यान रखते हुए और आप किस क्षेत्र में रूचि रखते हैं, इस पे विशेष रूप से विचार करके आपको अपनी फील्ड का चुनाव करना चाहिए ताकि आप सफलता प्राप्त कर सकें.
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